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महान पिता और महान शिक्षक के लिए एक श्रद्धांजलि

महान पुरुष महान हैं क्योंकि उन्होने अपने मस्तिष्क और अंतरातमा पे विजय प्राप्त की है, उन्होंने स्वयं को जीत लिया है, वे स्वार्थ की बंधन से स्वतंत्र हैं, वे लालच, अभिमान, क्रोध और ईर्ष्या से मुक्त हैं, वे किसी से भी घृणा नहीं करते हैं और ना किसी से डरते हैं, महान पुरुष महान हैं, क्योंकि वे सेवा और बलिदान में महान हैं, वे मानव जाति के नैतिक लाभ के लिए अपने सभी और यहां तक ​​कि उनके जीवन का त्याग करते हैं। वे नायक के रूप में रहते हैं और अंत मे वीरगति प्राप्त करते हैं।

A journey of remembrance to Dr. M. K. Rahman

Dr. M. K. Rahman

1939-2002

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

डॉ. एम.के. रहमान का जन्म 7 सितंबर 1 9 37 को बेतिया, पश्चिम चम्पारण जिला बिहार में हुआ था, उनके माता-पिता अहमद साहब और बीबी महमुदन नेषा थे। उनके पिता बेतिया के सरकारी अस्पताल में सहायक एनेस्थिसियोलॉजिस्ट थे।

मदरसा इस्लामिया उनका पहला स्कूल था, इसके बाद वह मिशन मिडिल स्कूल चले गए, के आर हाई स्कूल से मैट्रिक की परीक्षा पास कर  उनका प्रवेश प्रतिष्ठित विज्ञान कॉलेज (Science college) पटना में हुआ। उन्होंने प्रिंस ऑफ वेल्स मेडिकल कॉलेज पटना (जो अभी पीएमसीएच के नाम से जाना जाता है) से एम.बी.बी.एस. की डिग्री ली।

सन 1965 से ढाका (मोतिहारी) मे चिकित्सा अधिकारी के पद पर रह्ते हुए वहा के ग्रामीण एवं नेपाली क्षेत्र के लोगो की 25 वर्षों तक सेवा की, वहा के लोगो मे वे अभी भी लोकप्रिय और प्रासंगिक है।

 

काम और उपलब्धि

अपने काम के प्रति उनकी लगन और निष्ठा उनको एक आदर्श वयक्ति के रुप मे स्थपित तो करता ही था साथ साथ उनके कार्य् शैली सब के सामने एक माप दंड के रुप मे स्थपित होता था। अपने स्वभाव से कठोर ओर अनुसाशन प्रिय वयक्तित्व के मालिक अपने समकालिन चिकित्सक मे भी काफी लोकप्रिय थे। सन 1994 मे सिविल सॅजन के पद पे नियुक्ति के उप्रांत उनको भारत सरकार कि महत्वाकांछि योजना "पल्स पोलिओ" अभियान मे पश्चिम चम्पारण  का दायित्व मिला, प्रबंधन एवं समायोजन मे कुशल और कठोर परिश्रम के बल पर अभियान को यहा पर सफलता दिलाई.     

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